आज हम त्र्यंबकेश्वर में स्तिथ चिंतामणी गणेश जी के रहस्य के बारेमें जानेंगे। चिंतामणी गणेश कुशावर्त तीर्थ के ऊपर विराजमान है। चिंतामणि गणेश जी का महत्व ऐसा है की ये अपने भक्तो के जीवन में आने वाले सभी चिंताओका नाश करते है , सारी चिंतायें आपकी दूर की जाती है।
त्र्यंबकेश्वर में आने वाले भाविको का आज तक का अनुभव है की चिंतामणि गणेश जी का पूजन करने से सभी समस्या दूर होती है।
त्र्यंबकेश्वर क्षेत्र में जब भी यहाँ बारिश होती नहीं है या सूखा पड़ने की संभावना होती है उस समय सारे भाविक और त्र्यंबकेश्वर में जिनते भी भक्त है वे सब चिंतामणी गणेश जी का पूजन करते है। और पुरोहित संघ से अनुरोध करते है की चिंतामणि गणेश जी को हम कुशवर्त कुंड में रखे।
ऐसा माना जाता है की जब जब चिंतामणि गणेश जी को कुशावर्त तीर्थ में रखा जाता है तब ८ दिन के अंदर बारिश आना चालू होता है। जब भी बारिश होती है तब मूर्ति पुनप्रस्तापित करके वापिस रख दी जाती है।
ये मूर्ति पाषाण से बनी हुई गणेश जी की मूर्ति है। ये हर भक्त की चिंता हर लेते है ,इसलिए आप जब भी त्र्यंबकेश्वर में आते है तब कुशावर्त तीर्थ के ऊपर नैऋत्य कोने में चिंतामणी गणेश जी की मूर्ति है उसका पूजन अवश्य करे और अपने जीवन में आने वाले सभी चिंताएं दूर करे।
08 Mar '22 TuesdayCopyrights 2020-21. Privacy Policy All Rights Reserved
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