आज हम त्र्यंबकेश्वर में उपस्थ्ति विविध तीर्थस्थान के बारेमे जानेंगे। कुशावर्त तीर्थ के ऊपर,नैऋत्य कोने में स्तिथ शेषशायी भगवान विष्णु की मूर्ति स्तिथ है।
शेषशायी इन्हे इसलिए कहा गया है की उनके मूर्ति के निचे पूरी तरहे से शेष (शेषनाग ) है और सर के ऊपर ९ नागो का फन है इसलिए इन्हे शेषशायी कहा गया है। इस में भगवान जी के पैरो की तरफ माता लक्ष्मी जी की भी मूर्ति दिखाई गयी है
इस स्थान का विशेष महत्व ये है की मूर्ति के निचे गड्ढे में जल भरा रहता है जो की गोदावरी नदी का है। आप जितना भी पानी गड्ढे से निकालोगे उतना पानी फिरसे इस गड्ढे में वापिस भर जाता है।
इस शेषशायी भगवान का दर्शन करने से सरे भक्तो के कष्ट दूर हो जाते है।
चातुर्मास के अंदर हर दिन यहाँ शेषशायी भगवान की पूजा की जाती है। इसके साथ ही भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इससे भक्तो के ऊपर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद और भगवान विष्णु जी की कृपा हमेशा बनायीं रहे इसलिए चातुर्मास के चार महीने त्र्यंबकेश्वर में भगवान शेषशायी की परंपरागत विधिवत यहाँ पूजा की जाती है। तो जब भी आप त्र्यम्ब्केश्वर में आये तो आप भगवान शेषशायी का दर्शन अवश्य करे।