Trimbak Mukut

नारायण नागबली और
नारायण बली पूजा त्र्यंबकेश्वर में ही क्यों करे ?

"श्री क्षेत्र त्र्यंबकेश्वर में होने वाली नारायण नागबली पुजा के फायदे, विधि और उसका मूल्य "
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NARAYAN NAGBALI

नारायण नागबली पूजा यह एक वैदिक अनुष्ठान है जो ३ दिन की विधी है, नारायण नागबली पूजा में कुल २ प्रकार की अलग अनुष्ठाने है। त्र्यंबकेश्वर विभिन्न पूजा और अनुष्ठान जैसे नारायण नागबली, त्रिपिंडी श्राद्ध, महामृत्युंजय जाप, कालसर्प पूजा आदी, करने के लिए सबसे पवित्र स्थान माना जाता है।

पितृ दोष या पितृ शाप को मिटाने के लिए ( पूर्वजो के असंतुष्ट इच्छाओ को पूरा करने के लिए) नारायण बली पूजा करते है, तथा साँप को मारने के पाप से छुटकारा पाने के लिए नागबली पूजा की जाती है। इस पूजा प्रक्रिया में, गेहूं के आटे से बने साँप के शरीर पर अंतिम संस्कार किया जाता है।

महत्वपूर्ण सूचना:

प्रिय यजमान (अतिथि) कृपया ध्यान दें कि ये त्र्यंबकेश्वर पूजा त्र्यंबकेश्वर में केवल ताम्रपत्र धारक पंडितजी द्वारा की जानी चाहिए, वे प्रामाणिक हैं और युगों से प्राधिकार रखते हुए त्र्यंबकेश्वर मे अनेक पुजाये करते आ रहे है । आपकी समस्या और संतुष्टि का पूर्ण समाधान यहाँ होगा। हम चाहते हैं कि आप सबसे प्रामाणिक स्रोत तक पहुंचें।

नारायण बलि पुजा:

NARAYAN BALI PUJA गरुड़ पुराण के अनुसार, यह पूजा तब की जाती है जब कोई व्यक्ति की असामान्य मृत्यु जैसे बीमारी से मौत, आत्महत्या, जानवरों द्वारा, शाप द्वारा, सांप के काटने से मौत, आदी से होती हैं।

नारायण नागबली पूजा की विधी अंतिम संस्कार में की जाने वाली विधी से सामान है। पूजा के समय जपे गए सभी मंत्र पूर्वजो के आत्माओं की असंतुष्ट इच्छाओं को आमंत्रित करते हैं। क्योंकी यह कहा जाता है कि अंतिम संस्कार आत्माओं को दूसरी दुनिया से मुक्त करता है।

नागबली पूजा:

जब कोई व्यक्ति गलती से सांप को मारता है तब उसे शाप मिलता है, जो की त्र्यंबकेश्वर मंदिर के पास अहिल्या गोदावरी मंदिर और सतीके महा-स्मशान की जगह नागबलि पूजा करने से ख़त्म होता है।

पितृदोष के लक्षण:

  • स्वप्न में नाग दिखाई देना एवं नाग पीछे पड़ जाना।
  • परिवार में आपसी झगड़े होना।
  • संतानसुख का लाभ न होना अन्यथा गर्भपात होना।
  • व्यापार में नुकसान एवं पैसे की बर्बादी होती है।
  • पढ़ाई में मन एकाग्र ना होना।
  • परिवार में बार-बार स्वास्थ्य की समस्याएं उत्पन्न होना।
  • कोर्ट कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं।
  • नौकरी में उतार-चढाव तथा प्रमोशन न मिलना।
  • शादी-विवाह टूटना।

नारायण नागबलि पूजा कहाँ करनी चाहिए?

DETAIL PROCEDURE OF NARAYAN NAGBALI PUJA

नारायण नागबलि यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो की त्र्यंबकेश्वर मंदिर क्षेत्र में मंदिर के पूर्व द्वार पर स्थित अहिल्या गोदावरी संगम और सती महा-स्मशान में की जाती है। एक प्राचीन हिंदू शास्त्र के अनुसार, धर्म सिंधु में उल्लेख किया है, कि नारायण नागबली पूजा का यह अनुष्ठान केवल त्र्यंबकेश्वर में किया जाता है।

नारायण बली पूजा को "मोक्ष नारायण बली" पूजा के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह पूजा परिवार के सदस्यों द्वारा उनके पूर्वजो की इच्छाओं को पूरा करने के लिए की जाती है। मोक्ष का मतलब आत्मा की स्वतंत्रता, मोक्ष नारायण बली अनुष्ठान का अर्थ गरुड़ पुराण के ४० वें भाग में वर्णित है।

नारायण नागबली पूजा की प्रक्रिया:

नारायण नागबली पूजा विभिन्न समस्याओं को मिटाने के लिए की जाती है, जैसे कि भूत प्रेत बाध, व्यापार में विफलता, वित्तीय हानि, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं,शैक्षणिक समस्या, विवाह समस्याएं, आकस्मिक मौतें, अनावश्यक खर्च, और सभी प्रकार के शाप।

नारायण नागबली पूजा की प्रक्रिया को पूरा होने में कुल तीन दिन का समय आवश्यक है। इस पूजा करने से बहुत सरे लाभ होते है जैसे अच्छा स्वास्थ्य, व्यवसाय और व्यापर में सफलता मिलेगी।

यह नारायण नागबली पूजा को कुल ३ दिन का समय आवश्यक है और इसके पहले दिन, भक्त को पवित्र कुशावर्त कुंड (कुशावर्त तालाब) में स्नान करना होता है उसके बाद "दशदान" यानी, दस चीजों को दान में देने का संकल्प करना होता है। भगवान शिव की साधना करने के बाद, सभी भक्तो को नारायण नागबली पूजा करने के लिए धर्मशाला जाना होता है। नारायण नागबली पूजा दो दिनों तक गोदावरी और अहिल्या नदी के संगम के स्थान पर सम्पन्न होती है।

सनातन धर्म में सभी पूजाए प्रथम संकल्प, न्यास और कलश पूजन से शुरू होती है। उसके बाद भगवान सूर्य, गणेश, और विष्णु का अनुष्ठान होता है। उसके बाद, पांच देवताओं, भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान महेश, यम, और तत्पुरुष की पूजा होती है।

फिर क्रमशः अग्नि स्थापना, पुरुषसूक्त हवन, एकादशी विष्णु श्राद्ध, पंचदेवता श्राद्ध बलीदान, पिंड दान, पराशर, और द्वादश कर्म किए जाते हैं। इस अनुष्ठान को करने के बाद, उपासक किसी को छू नहीं सकते यानि उन्हें एक दिन के लिए सूतक का पालन करना होता है।

ऐसे सारे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, यह नारायण नागबली पूजा अनुष्ठान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ,पारिवारिक समस्याओ से छुटकारा, या किसी साँप / कोबरा द्वारा मार दिया या काट दिया गया तो यह अनुष्ठान करते है।

नारायण नागबली अनुष्ठान केवल त्र्यंबकेश्वर में ही क्यों किया जाता है?

PERFECT TIME TO PERFORM NARAYAN NAGBALI RITUAL

त्र्यंबकेश्वर यह एक पवित्र स्थान है जहा विभिन्न पुजा करने से उनका फल जल्द ही प्राप्त होता है।त्र्यंबकेश्वर महादेव मंदिर की शिव लिंग त्रिदेवता ( भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु, भगवान महेश) को दर्शाती है। भगवान शिवा के साथ साथ मंदिर में, श्री रामा, केदारनाथ , देवी लक्ष्मी, नारायण, गंगा देवी, रामेश्वर, गौतमेश्वरा, परशुराम आदि की भी पूजा की जाती है। जिससे मंदिर में एक सकारत्मक ऊर्जा निर्माण होती है, और उपासक को सभी देवता के आशीर्वाद से कम समय में अधिक फल प्राप्त होता है। भागवत पुराण में उल्लेख किये गए समुद्र मंथन के अनुसार, यह कहा जाता है की, केवल भगवान शिव आत्मसमर्पण आत्माओं के पाप को मिटा सकते है, तो कोई भी अनुष्ठान जैसे नारायण नागबलि करने के लिए त्र्यंबकेश्वर स्थान अधिक उचित है।

नारायण नागबली अनुष्ठान कौन कर सकता है?

  • कोई भी व्यक्ति (किसी भी जाति का) यह अनुष्ठान कर सकता है।
  • पारिवारिक खुशीके लिए, कोई विधुर भी यह अनुष्ठान कर सकते है।
  • संतान प्राप्ति के हेतु, पति और पत्नी भी नारायण नागबली जैसे पूजाए कर सकते है।
  • गर्भवती महिला को (केवल ५ महीने के गर्भवस्था तक) यह पुजा करने की अनुमति है।
  • विवाह जैसे पवित्र कार्य के बाद, हिन्दू १ वर्ष तक यह अनुष्ठान नहीं करना चाहिए (अन्य किसी भी पवित्र कार्य के बाद यह अनुष्ठान किया जा सकता है)।
  • यदि माता- पिता में से कोई एक की मृत्यु हुई हो तो, १ वर्ष बाद नारायण नागबली अनुष्ठान त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर याने मंदिर के पूर्व दरवाज़े के ओर स्थित अहिल्या गोदावरी संगम और सती महास्मशान यहा किया जाता हैं।

नारायण नागबली पुजा करने का शुभ मुहूरत:

नारायण नागबली यह एक अनुष्ठान है जो की सही समय यानी शुभ मुहूरत में करने से, अनुष्ठान करने वाले भक्तो की सभी कामना पूरी होती है। जब बृहस्पति या शुक्र जैसे ग्रह पौष माह में स्थापित होती है, तो उसे लूनार (चंद्र) कैलेंडर में अधिक मॉस के रप से जाना जाता है। "धनिष्ठा पंचक" और " त्रिपाद नक्षत्र" नारायण नागबली को करने के लिए शुभ समय नहीं है।

त्र्यंबकेश्वर मंदिर परिसर में स्थित गुरुजी द्वारा शुभ तिथियों पर नारायण नागबली पूजा की जाती है।

नारायण नागबली पूजा मूल्य:

पूजा का मूल्य पुरोहितो द्वारा सुझाया जायेगा,और पूरी तरह आवश्यक सामग्री पर निर्भर होगा। उपासक को लगने वाला खाना भी उसमे शामिल होगा। पूजा होने के बाद भक्तो द्वारा ब्राह्मण को दक्षिणा देना अनिवार्य है।

नारायण नागबली पूजा के लाभ:

  • चरम यात्रा की तुलना में पितृ सेवा (नारायण नागबली पूजा करना) अधिक लाभदायक माना गया है, जिससे पूर्वजो का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • अच्छे स्वास्थ और सफलता पाने के लिए।
  • पूर्वजो के दिए गए शाप से मुक्ति पाने के लिए नारायण नागबली की जाती है ।।
  • यह पूजा पितृदोष को मिटाने के लिए की जाती है।
  • संतान प्राप्ति के लिए दम्पति को भी यह अनुष्ठान करना सुझाया जाता है।
  • दुःस्वप्न से राहत पाने के लिए भी यह पूजा की जाती है।

नारायण नागबलि पूजा संबंधित महत्वपूर्ण बाते

नारायण नागबली पूजा को करने में कुल ३ दिन की आवश्यकता है। हिन्दू शास्त्र के अनुसार, केवल पुरुष पिंड दान विधी कर सकता है। यजमान को पूजा के एक दिन पहले ही त्र्यंबकेश्वर मे उपस्थित रहना चाहिए। पूजा शुरू होने के बाद भक्त त्र्यंबकेश्वर को छोड़ कर कही नहीं जा सकते, केवल पूजा ख़त्म होने के बाद तीसरे दिन वे कहीं और जा सकते है। पूजा के ३ दिनो में, पूजा करने वाले भक्त ब्राह्मणो द्वारा दिए गए सात्विक भोजन का ही सेवन कर सकते है।

पूजा मे पुरुषो के लिए वस्त्र, सफ़ेद रंग की धोती, गमछा, रुमाल, और सफ़ेद रंग की साडी महिलाओ के लिए अनिवार्य है।

नारायण नागबलि पूजा मुहूर्त २०२२ :


त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग क्षेत्र में नारायण नागबलि पूजा कराने का विशेष अधिकार ताम्रपत्रधारी पण्डितजी को वंश-परम्परा से प्राप्त है। इस विशेष पूजा का मुहूर्त ताम्रपत्रधारी पण्डितजी संपर्क करने से बताते है।

त्र्यंबकेश्वर में नारायण नाग बली पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ पंडित

त्र्यंबकेश्वर में परंपरागत अधिकार के अनुसार की जानेवाली पूजा केवल ताम्रपत्रधारी गुरूजी ही कर सकते है। त्रिम्बकेश्वर में सदियोसे विभिन्न धार्मिक पुजाएँ चली आ रही है, जिसका अधिकार यहाँ के स्थानिक पुरोहित के पास होता है। सरदार श्री बालाजीराव पेशवा द्वारा दिए गए ताम्रपत्र पर यह अधिकार अंकित किया गया है। नारायण नागबलि पूजा त्र्यंबकेश्वर मंदिर के पूर्व दरवाज़े पर स्थित अहिल्या गोदावरी मंदिर एवं सती महाश्मशान में की जाती है।

FAQ's

नारायण नागबली पूजा हमारे पूर्वजों की असंतुष्ट आत्माओं को मोक्ष दिलाने के लिए की जाती है| जबकि नागबली पूजा साँप के दोष से छुटकारा पाने के लिए की जाती है।
नारायण नागबली पूजा करने के लिए तीन दिनों की आवश्यकता होती है, लेकिन पूजा को पूरा करने के लिए प्रति दिन केवल ३ से ४ घंटे आवश्यक है ।
अनुष्ठान करने वाले उपासको को नए पोशाख पहनाना अनिवार्य है| पुरुषों के लिए सफेद धोती और महिलाओँ के लिए सफ़ेद रंग की साड़ी अनिवार्य है।
नारायण नागबली पूजा करने की कुल मूल्य (दक्षिणा) पुरोहितों द्वारा सुझाई गई पूजा के लिए लगने वाली सामग्री पर निर्भर है।
नारायण नागबली की पूजा त्र्यंबकेश्वर मंदिर क्षेत्र में मंदिर के पूर्व द्वार पर स्थित अहिल्या गोदावरी संगम और सती महा-स्मशान में की जाती है।
नही, क्योकि पितृ दोष के निवारण के लिए मोक्ष नारायण नागबली पूजा होम के साथ प्रदान की जाती है।

अपना प्रश्न पूछें




-Kale S. M. Says
08-Aug-2022
13साल का लडकेका दु : खाकीत निधन हुए 1 महिना हुवा है नारायण नागबली की पुज्या करने को कहा है पुज्या कब करणी चाहिए? कृपया जाणकारी दीजिए ????????
Reply
-Rajendra sharma Says
27-Jun-2022
नारायण नागबली पूजा का कितना खर्चा आता है ?
Reply
-अमर खालचंदनी Says
07-Jul-2022
हमने जब नारायण नागबली पूजा करवायी थी तब हमें ६८०० रुपए लगे थे। हमने ताम्र पत्र धारी गुरूजी से ये पूजा करवाई थी। रहने और खाने का प्रबंध भी वही लोग करते है।
-Nilesh keshavrao shinde Says
13-Jan-2023
Amche lagn hovun 7 varsh hot aahet. amhala 1 Mulagi ani 1 mulga aahet. parantu majhya gharamadhye satat kontyatari karnamule kalah,vaad ka hotat ani Dhanda naukarimadhye yash yet nahiye yasathi kay karave upay suchvave.
-राजीव मेढेकर Says
10-Jun-2022
आई वडील असताना नारायण नागबली हा विधी करता येतो का
Reply
-डी जे पाटील Says
21-Aug-2022
आई वडील हयात असताना नारायण नागबली पुजा करता येते का❓
-Suresh Rohida Says
20-Oct-2024
आई वड़ील जीवंत असताना नारायण नागबली पूजा विधी कराता का?
-संजयकुमारभट्ट Says
31-May-2022
प्रीतरो की मोक्ष प्रदान एवम उनके प्रितदोष का निवारण के लिए पूजा करवानी है
Reply
-Pushpendea shukla Says
23-May-2022
Puja ka total pement kitna hai
Reply
-क्या एक अविवाहित स्त्री जिसका भाई बंधु साथ न हो वो Says
17-May-2022
मैने सुना है कि महिला स्वयं यह पूजा नही कर सकती। तो महिला को पितृ दोष होता क्यों है ? और यदि होता है इसका मतलब परमात्मा पुरुष और स्त्री के कर्म के आधार पर समान दंड दे रहा है तो फिर मनुष्य ने ये भेद क्यों बनाया कि स्त्रियां ये पूजा करवाने के लिए किसी भी पुरुष पर निर्भर रहेगी ।
Reply
-निखिल बाजपेयी Says
15-Jul-2022
महिलाओं को पितृ दोष नही लगता है।
-Sunil kariya Says
13-May-2022
Guruji namskar Aap janam patrika dekhte hai kya . Mere jivan me kya paresani hai samajh nahi aa raha hai . Jitni mehanat kar raha hu . Vaisi safalta nahi mill paa rahi hai. Mughe rasta bataye. Sunil kariya durg (c.g.) Dhanyawad
Reply
-Hamant Bhavsar Says
08-May-2022
Singal family Bahu bete k sath Puja ho sakti hai, bhai bhabhi chacha chachi means kya pura parivar hona jaruri hai Puja k liye.
Reply
-SP FAUJDAR Says
07-May-2022
पूर्बजों मोक्ष के लिए नारायण बलि पूजा कराने के संधर्व मेँ....
Reply
- Says
06-May-2022
Narayan nagbali bina shadi hue log bhi kar sakte hai kya
Reply
-Krishan gopal Sharma Says
05-May-2022
Hamare yaha, my wife, and my mother suddenly death, hue hai, mera confusion door are
Reply
-प्रदीप कुमार सिंह Says
28-Apr-2022
मुझे पित्र दोष शांति के लिए पूजा करानी है
Reply
-BHASKAR j Says
05-Jul-2024
मेरे दादाजी ने कुछ कारणवश आत्महत्या की थी .. तो हमे संतान प्राप्ति में परेशानी आ रही है .. तो क्या हमारे पिताजी यह नारायण नागबली पूजा कर सकते है हमे स्वयं करनी चाहिए ?
-Deepika kaushik Says
25-Apr-2022
Mujhe devtaon aur pitaron ka sthan dilana hai uske liye aap kripa karke Salah dijiye
Reply
-Pradeep Soni Says
17-Apr-2022
Mere dwara ek bar Narayan narbali ki Puja ki gai hai ise dobara bhi karna padega anivarya hai kya kripya Salah den
Reply
-Yogesh Tiwari Says
06-Apr-2022
Waha kese Pooja karna hota hai.jese narayan nagbali. Tirpindi
Reply
-Amit lalwani Says
06-Apr-2022
Maine date 28/09/2017 KO pooja karwaye thi 3 days ki 5 years baad ana jarroori hota hai kyha pooja ke liye
Reply
-Bhola Sharan Sahay Says
02-Apr-2022
Namaste ???? pandit ji, mere pitaji mere janma ke ek Sal bad aatmhatya kar liye the,bahut samsya hai kya karana chahiye?kripya bataye.
Reply
-Vishva deepak Says
09-Mar-2022
Tripindi,narayan nagbali va pitrdosh ka pata kundli se lag sakta h ?
Reply
-Siddhartha patel Says
04-Mar-2022
कुंडली मे श्रापित दोष है कोन सी पूजा होगी पंडित जी।
Reply
-Rahul Says
28-Feb-2022
पितृ दोष करिता कुठली पूजा करावी लागते. मार्च मधील मुहूर्त सांगा.
Reply
-Meetali Says
28-Feb-2022
Kya haridwar mai bhi narayan naagbali pooja ker saktey hai
Reply
-admin Says
28-Feb-2022
Narayan Nagbali Puja trimbakeshwar Mein hi hoti hai.
-S s Salunke Says
25-Feb-2022
Naryan nagbali pooja keli ahe sankalpa kela hota ata konti pooja karavi
Reply
-admin Says
28-Feb-2022
Varil Dilelya Guruji na Sampark sadha te tumhala uttam Margadarshan kartil
-संजय भट्ट Says
21-Feb-2022
नारायण नागबलि पूजा करने पंडित जी एवम पूजा सामग्री के साथ कितना खर्च में संपन्न हो जायेगी 2022 में करवाना है तो उसका समय मुहर्त क्या है
Reply
-NAVEEN PAL Says
13-Feb-2022
Hamen yah Puja karvani Hai
Reply
-admin Says
21-Feb-2022
ऊपर दिए गए पंडितजी को संपर्क करे वो आपको मार्गदर्शन करेंगे
-Ashish Says
11-Feb-2022
narayan nagbali ke liye kitne din lagte hai?
Reply
-admin Says
21-Feb-2022
नारायण नागबलि के लिए ३ दिन का समय लगता है
-Kamlesh rajput Says
07-Feb-2022
31/5/1984 raat 1200am jila betul mp Kay मेरी कुंडली में पित्र दोष है और मुझे कौन सी पूजा करना चाहिए नागबली या नारायण नागबली कृपया करके बताइए
Reply
-admin Says
08-Feb-2022
upar diye gaye panditji ko contact kare wo apka margdarshan karenge
-Vishal soni Says
04-Feb-2022
Kripaya Marg darshan Kara
Reply
-admin Says
05-Feb-2022
upar diye gaye panditji ko contact kare wo apka margdarshan karenge
-Pooja Rahul yati Says
19-Jan-2022
Meri kundli me pitradosh hain, brahmdosh aur chandrama garahan dosh hain to kya mai ye Pooja Kara skti hu... Jisse ye saare dosh khatam ho jaayenge..
Reply
-Mukesh Prajapati Says
20-Jan-2022
Pitrudosh Mukti Ke liye Narayan Nagbali Puja Ki Jati hai. Grahan dosh ke liye grah shanti puja Baki puja ki jankari ke liye guruji se samark kare
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